बीसीसीआई की घरेलू क्रिकेट को प्राथमिकता
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने देश के क्रिकेटर्स को घरेलू क्रिकेट के महत्व को समझाने के लिए कड़ा रुख अपनाया है। इशान किशन और श्रेयस अय्यर, जो अपने प्रदर्शन से राष्ट्रीय टीम में जगह बना चुके हैं, को इस साल की शुरुआत में बोर्ड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने घरेलू क्रिकेट के मुकाबले को नजरअंदाज किया था। बीसीसीआई ने साफ किया है कि ऐसे मामलों में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
कुछ खिलाड़ियों को दी छूट
हालांकि, बीसीसीआई ने कुछ स्टार क्रिकेटरों को छूट देने का फैसला भी किया है। बीसीसीआई के सचिव जय शाह के अनुसार, रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे खिलाड़ियों को यह छूट दी जाएगी कि वे खुद यह फैसला करें कि वे घरेलू क्रिकेट खेलना चाहते हैं या नहीं।
अन्य खिलाड़ियों के लिए सख्त निर्देश
अन्य सभी टेस्ट खेलने वाले खिलाड़ियों को, जो अगले महीने से बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में हिस्सा लेंगे, कम से कम एक या दो दलीप ट्रॉफी मैच खेलने होंगे। जय शाह ने स्पष्ट किया कि इन टेस्ट सीरीज के लिहाज से सभी खिलाड़ियों को दलीप ट्रॉफी का अनुभव जरूरी होगा।
राष्ट्रीय चयन समिति का निर्णय
इस साल दलीप ट्रॉफी के लिए क्षेत्रीय चयन समिति की बजाय राष्ट्रीय चयन समिति ही टीमों का चयन करेगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी योग्य खिलाड़ियों को मौका मिले, बीसीसीआई ने पूर्ण समय चयन समिति को जिम्मेदारी सौंपी है।
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का महत्व
बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के खिलाफ होने वाली टेस्ट सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। भारत को इन सीरीज में अच्छा प्रदर्शन करना होगा ताकि टीम फाइनल खेलने की दौड़ में बनी रहे। इसके अलावा, साल के अंत में ऑस्ट्रेलिया का दौरा भी होना है। ऐसे में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को प्राथमिकता मिलेगी।
खिलाड़ियों की तैयारी
भारतीय क्रिकेटरों के शेड्यूल में अंतरराष्ट्रीय मैचों के बीच घरेलू मुकाबलों का यह बदलाव उनकी तैयारी को नए दिशा में ले जा सकता है। यह सुनिश्चित करना कि खिलाड़ी घरेलू स्तर पर भी सक्रिय रहें, उनके खेल में निरंतरता बनाए रखने में मदद करेगा।
रोहित, विराट और बुमराह को छूट
बीसीसीआई ने हालांकि यह स्पष्ट कर दिया है कि रोहित शर्मा, विराट कोहली और जसप्रीत बुमराह जैसे सीनियर खिलाड़ियों को अपनी मर्जी से फैसला लेने की स्वतंत्रता होगी। ये खिलाड़ी अपनी शारीरिक और मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए खुद यह तय करेंगे कि वे दलीप ट्रॉफी जैसे टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगे या नहीं।
बीसीसीआई का सख्त संदेश
बीसीसीआई का यह निर्णय एक सख्त संदेश देता है कि कोई भी खिलाड़ी भले ही कितना भी बड़ा स्टार क्यों न हो, उसे घरेलू क्रिकेट को अहमियत देनी होगी। इससे घरेलू क्रिकेट का स्तर भी ऊंचा होगा और युवा खिलाड़ियों को बेहतरीन अनुभव मिलेगा।
आगे की रणनीति
आने वाले समय में बीसीसीआई इसी तरह के अनुशासन का पालन करते रहने का इरादा रखता है। इसका मकसद भारतीय क्रिकेट को और मजबूत करना और खिलाड़ियों को हर स्तर पर सक्षम बनाना है।
समाप्ति
कुल मिलाकर, बीसीसीआई ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राष्ट्रीय टीम में जगह पाने के लिए खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस सख्त नीति से भारतीय क्रिकेट को नई दिशा मिलेगी और इसका दीर्घकालिक लाभ होगा। अंतत: यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।